चुंबकीय एन्कोडर

चुंबकीय एन्कोडर बहु-ध्रुवीय (multi-pole) मैग्नेट और चुंबकीय सेंसरों पर आधारित होते हैं, जो घूर्णी या रैखिक विस्थापन को विद्युत संकेत में रूपांतरित करते हैं। तेल-मिट्टी/धूल/कंपन के प्रति उच्च प्रतिरोध, विस्तृत तापमान श्रेणी और बड़े इंस्टॉलेशन टॉलरेंस के कारण ये औद्योगिक स्वचालन, ऑटोमोबाइल व हैवी-ड्यूटी उपकरण, रोबोटिक्स और आउटडोर उपकरणों में प्रचलित पोज़िशन-फीडबैक घटक हैं।


चुंबकीय एन्कोडर क्या है (What is a Magnetic Encoder)

चुंबकीय एन्कोडर एक सेंसर प्रणाली है जो चुंबकीय क्षेत्र के आवधिक परिवर्तन का उपयोग करके स्थिति और गति मापती है। इसकी विशिष्ट संरचना में मैग्नेट (बहु-ध्रुवीय मैग्नेटिक रिंग/मैग्नेटिक टेप/रेडियल या ऐक्सियल मैग्नेटाइज़्ड मैग्नेट) और रीडहेड (चुंबकीय सेंसर चिप और सिग्नल-कंडीशनिंग सर्किट) सम्मिलित होते हैं। निर्दिष्ट एयर-गैप में रीडहेड विस्थापन के साथ बदलने वाले sin/cos घटकों को अनुभूत करता है; एनालॉग फ्रंट-एंड और इंटरपोलेशन/डिकोड के बाद आउटपुट रूप में इंक्रीमेंटल A/B/Z, sin/cos 1 Vpp (या करंट मोड 11 µApp) या एब्सोल्यूट पोज़िशन (जैसे SSI/BiSS/SPI/EnDat आदि) प्रदान करता है।
ऑप्टिकल एन्कोडर की तुलना में चुंबकीय एन्कोडर पर्यावरण अनुकूलता में श्रेष्ठ, आयु में अधिक और लागत में बेहतर होते हैं; हालांकि चरम रेज़ोल्यूशन, लिनीयरिटी और उप-विभाजन त्रुटि (SDE) के संदर्भ में उच्च-स्तरीय ऑप्टिकल समाधान सामान्यतः आगे रहते हैं।


कार्य सिद्धांत (Working Principle)

1) चुंबकीय सेंसर तकनीक

2) सिग्नल निर्माण और कोण गणना

3) गति-आवृत्ति संबंध (केवल पाठ सूत्र)


वर्गीकरण (Classification)


आउटपुट और इंटरफेस (Outputs & Interfaces)

श्रेणी सिग्नल प्रकार विशिष्ट परिदृश्य
इंक्रीमेंटल स्क्वेयर A/B (+Z), TTL/HTL/RS422 PLC हाई-स्पीड काउंटर, स्पीड/पोज़िशन लूप
साइन/कोसाइन 1 Vpp, 11 µApp उच्च-रेज़ोल्यूशन इंटरपोलेशन, निम्न SDE अनुप्रयोग
एब्सोल्यूट सीरियल SSI, BiSS-C, SPI, EnDat 2.2 एब्सोल्यूट पोज़िशन, मल्टी-टर्न काउंट, डायग्नोस्टिक्स
फील्ड-बस/इथरनेट CANopen, EtherCAT, PROFINET (इंटरफेस मॉड्यूल द्वारा) मल्टी-ऐक्सिस सिंक, लंबी दूरी, ऑनलाइन डायग्नोस्टिक्स

प्रमुख विनिर्देश (Key Specifications)

सूचकांक विशिष्ट सीमा / विवरण
रेज़ोल्यूशन रोटरी: 12–18 bit (Hall/AMR), तथा 18–20+ bit (GMR/TMR + इंटरपोलेशन); लीनियर: 5–50 µm स्केल-पिच, इंटरपोलेशन से 1–5 µm; उत्कृष्ट स्थितियों में उप-माइक्रोन।
एंगल-एक्यूरेसी रोटरी एब्सोल्यूट: ±0.05° ~ ±0.5° (मैग्नेट व एक्सेंट्रिसिटी पर निर्भर)।
रिपीटेबिलिटी/जिटर रिपीटेबिलिटी ±0.05° से बेहतर; जिटर SNR और इंटरपोलेशन-क्लॉक पर निर्भर।
SDE (Sub-Division Error) प्रायः ±0.1° से बेहतर (हाई-एंड ≤ ±0.03°); लीनियर प्रकार में µm में व्यक्त।
मैग्नेटिक एयर-गैप 0.5–2.5 mm (मैग्नेट ऊर्जा-स्तर और सेंसर-एरे पर निर्भर)।
पोल-पिच/पोल-पेयर रिंग में 2–64 पोल-पेयर सामान्य; टेप-पिच 2–5 mm प्रचलित।
अधिकतम स्पीड रोटरी मैकेनिकल स्पीड > 10,000 RPM; लीनियर > 3 m/s (इंटरफेस पर निर्भर)।
तापमान श्रेणी −40 °C ~ +125/150 °C (ऑटोमोटिव-ग्रेड), थर्मल-कम्पेन्सेशन अपेक्षित।
दूषण-प्रतिरोध/प्रोटेक्शन IP50–IP67; तेल-एरोसोल, धूल, कूलेंट-मीडिया के अनुकूल।
EMC/ESD औद्योगिक/ऑटोमोटिव EMC आवश्यकताओं का अनुपालन; डिफरेंशियल व शील्डिंग डिज़ाइन महत्त्वपूर्ण।

टिप्पणी: वास्तविक प्रदर्शन मैग्नेट-सामग्री व मैग्नेटाइज़ेशन-गुणवत्ता, एक्सेंट्रिसिटी/टिल्ट, एयर-गैप, शील्डिंग और एल्गोरिथ्मिक क्षतिपूर्ति पर संयुक्त रूप से निर्भर करता है।


मैग्नेट व यांत्रिक डिज़ाइन (Magnet & Mechanics)


त्रुटि-स्रोत और क्षतिपूर्ति (Error Sources & Compensation)


अन्य तकनीकों से तुलना (Comparisons)

तकनीक रेज़ोल्यूशन/सटीकता पर्यावरण अनुकूलता लागत विशिष्ट अनुप्रयोग
चुंबकीय एन्कोडर ★★★☆ (18–20+ bit तक) ★★★★★ ★★☆ उद्योग/ऑटो, कठोर वातावरण, दीर्घ आयु
ऑप्टिकल एन्कोडर ★★★★★ (nm/arcsec स्तर) ★★☆ ★★★★ प्रिसीजन मशीन-टूल, मेट्रोलॉजी, सेमीकंडक्टर प्लेटफ़ॉर्म
इंडक्टिव एन्कोडर ★★★ ★★★★ ★★★ उच्च ताप/मज़बूत EMI, भारी मशीनरी
रिज़ॉल्वर ★★☆ (एनालॉग डिमॉड.) ★★★★★ ★★★ उच्च कम्पन/ताप, मोटर-फीडबैक
पोटेंशियोमीटर ★★ कम लागत, कम आयु/कम सटीकता

अनुप्रयोग (Applications)


इंस्टॉलेशन व इंटिग्रेशन बिंदु (Installation & Integration)

  1. केंद्रीकरण/को-एक्सियलिटी: रोटरी में लोकेटिंग-शोल्डर/जिग का उपयोग करें; रेडियल-रनआउट व फेस-रनआउट को नियंत्रित करें; लीनियर में टेप-स्ट्रेटनेस व कैरियर-स्टेबिलिटी सुनिश्चित करें।
  2. एयर-गैप सेटिंग: डेटाशीट के अनुसार पूर्ण ताप-श्रेणी में मार्जिन रखें; न्यूनतम SNR व अधिकतम स्पीड पर एम्प्लीट्यूड-मार्जिन सत्यापित करें।
  3. वायरिंग व टर्मिनेशन: वरीयता RS422 डिफरेंशियल या करंट-मोड इंटरफेस को; इम्पीडेंस-मैचिंग, शील्डिंग व सिंगल-पॉइंट ग्राउंडिंग अपनाएँ, ग्राउंड-लूप से बचें।
  4. प्रोटोकॉल पैरामीटर्स: SSI/BiSS/SPI/EnDat के फ्रेम-लेंथ, CRC, टाइमिंग, अलार्म-बिट कंट्रोलर से संगत हों।
  5. रिडंडेंसी व सेफ्टी: क्रिटिकल शाफ्ट पर ड्युअल-चैनल/ड्युअल-सेंसर व कंसिस्टेंसी-मॉनिटरिंग ( SIL/PL या ASIL ) अपनाएँ।

मानक व अनुपालन (Standards & Compliance)

वास्तविक अनुपालन-सूची उद्योग व परियोजना-आवश्यकताओं के अनुसार चुनी जाए।


चयन मार्गदर्शिका (Selection Guide)

  1. लक्ष्य सटीकता: एंगल-एक्यूरेसी/लिनीयरिटी, रेज़ोल्यूशन, SDE व जिटर लक्ष्य।
  2. सेंसर-टेक्नोलॉजी: Hall (लागत-प्राथमिक) / AMR / GMR / TMR (रेज़ोल्यूशन व थर्मल-स्टेबिलिटी प्राथमिक)।
  3. मैग्नेट-स्कीम: मल्टी-पोल रिंग/टेप/सिंगल-मैग्नेट; पोल-पिच व डायमेंशन, सामग्री व ताप-ग्रेड।
  4. आउटपुट इंटरफेस: इंक्रीमेंटल/साइन-कोस या SSI/BiSS/SPI/EnDat; क्या फील्ड-बस गेटवे व ऑनलाइन-डायग्नोस्टिक्स चाहिए।
  5. पर्यावरण व आयु: IP ग्रेड, तेल/धूल/कूलेंट, स्ट्रे-फील्ड इम्यूनिटी; ऑटो/आउटडोर में ऑटो-ग्रेड/ड्यूरेबिलिटी।
  6. मैकेनिक्स व गैप: केंद्रन-त्रुटि, गैप-विंडो, स्पीड-लिमिट; असेंबली-जिग व बैच-कंसिस्टेंसी।
  7. कम्पेन्सेशन व कैलिब्रेशन: थर्मल/हार्मोनिक/लिनीयराइजेशन LUT सपोर्ट; फ़ैक्टरी या इन-सिटू कैलिब्रेशन रणनीति।
  8. सेफ्टी व रिडंडेंसी: फंक्शनल-सेफ्टी लेवल, fail-safe, फॉल्ट-मॉनिटरिंग इंटरफेस।

संदर्भ व शब्दावली (Glossary)


सारांश: चुंबकीय एन्कोडर की सेंसर-भौतिकी, मैग्नेट/मैकेनिकल डिज़ाइन, इंटरफेस व क्षतिपूर्ति-रणनीतियों को लक्षित सटीकता व परिचालन-परिस्थितियों के साथ संरेखित कर आप कठोर वातावरण में उच्च-विश्वसनीय, दीर्घ-आयु और डायग्नोस्टिक-सक्षम मोशन-कंट्रोल व पोज़िशन-फीडबैक प्राप्त कर सकते हैं।