ऑप्टिकल एन्कोडर

ऑप्टिकल एन्कोडर ऑप्टिकल ग्रेटिंग और फोटोइलेक्ट्रिक डिटेक्शन पर आधारित होते हैं, जो घूर्णन (Rotary) या रैखिक (Linear) विस्थापन को विद्युत संकेत में रूपांतरित करते हैं। ये CNC मशीन टूल्स, सेमीकंडक्टर प्लेटफ़ॉर्म, प्रिसिशन मेट्रोलॉजी, रोबोटिक्स और हाई-एंड ऑटोमेशन में प्रमुख पोज़िशन-फ़ीडबैक डिवाइस हैं। उच्च रेज़ोल्यूशन, निम्न सब-डिविज़न एरर और उत्कृष्ट रिपीटेबिलिटी के कारण, ऑप्टिकल एन्कोडर नैनो से माइक्रोमीटर-स्तरीय पोज़िशनिंग में व्यापक रूप से प्रयुक्त होते हैं।


ऑप्टिकल एन्कोडर क्या है (What is an Optical Encoder)

ऑप्टिकल एन्कोडर वह सेंसर है जो लाइट सोर्स — ऑप्टिकल ग्रेटिंग — फोटोइलेक्ट्रिक डिटेक्शन शृंखला के माध्यम से पोज़िशन सूचना प्राप्त करता है। इसका कोर एक आवधिक संरचना वाली कोड-डिस्क/ग्रेटिंग-स्केल (Scale/Disk) और रीडहेड (Readhead) से बना होता है: रीडहेड निर्धारित ऑप्टिकल गैप में ग्रेटिंग के ट्रांसमिटेड/रिफ्लेक्टेड पैटर्न या इंटरफेरेंस सिग्नल को पढ़ता है, जिन्हें एनालॉग फ़्रंट-एंड व इंटरपोलेशन/डिकोडिंग सर्किट प्रोसेस करते हैं और इन्क्रिमेंटल A/B (वैकल्पिक Z रेफ़रेंस सहित), साइन/कोसाइन 1 Vpp, या एबसोल्यूट पोज़िशन का सीरियल डेटा (SSI/BiSS/EnDat आदि) आउटपुट करते हैं।
मोशन प्रकार के अनुसार रोटरी ऑप्टिकल एन्कोडर (डिस्क) और लीनियर ऑप्टिकल एन्कोडर (स्केल) होते हैं। स्क्रू/रैक के माध्यम से परोक्ष गणना की तुलना में लीनियर ऑप्टिकल एन्कोडर डायरेक्ट मेजरमेंट देते हैं, जिससे बैकलैश, लीड/पिच त्रुटियाँ और ऊष्मीय प्रसार जनित पोज़िशन एरर में उल्लेखनीय कमी आती है; रोटरी ऑप्टिकल एन्कोडर मोटर व रोटरी टेबल के लिए उच्च-रेज़ोल्यूशन कोण तथा गति फ़ीडबैक प्रदान करते हैं।


कार्य सिद्धांत (Working Principle)

1) इमेजिंग/मोइरे (Imaging/Moiré)

2) इंटरफेरेंशियल/फ़ेज़-ग्रेटिंग (Interferential/Phase Grating)

3) ट्रांसमिशन बनाम रिफ्लेक्शन

4) इन्क्रिमेंटल व एबसोल्यूट आउटपुट लॉजिक

निकटानुमानित लीनियर रेज़ोल्यूशन: Δx ≈ p / (N × M)
जहाँ p = ग्रेटिंग-पिच, N = एनालॉग इंटरपोलेशन गुणक (जैसे 100×), M = डिजिटल एज़-मल्टीप्लाई फ़ैक्टर (आम तौर पर 4×)।

रोटरी एन्कोडर का समतुल्य कोणीय रेज़ोल्यूशन: θ_res = 360° / (लाइन काउंट × 4)


वर्गीकरण (Taxonomy)


प्रमुख घटक व सिग्नल-चेन (Signal Chain)


आउटपुट व इंटरफेस (Outputs & Interfaces)

आउटपुट मानक सामान्य सिग्नल विवरण
इन्क्रिमेंटल स्क्वेयर A/B (+Z), TTL/HTL/RS422 PLC हाई-स्पीड काउंटर, वेलोसिटी/पोज़िशन लूप; लंबी दूरी पर डिफ़रेंशियल वांछनीय
साइन/कोसाइन 1 Vpp, 11 µApp अल्ट्रा-हाई-रेज़ोल्यूशन इंटरपोलेशन; SDE व जिटर चेन-क्वालिटी पर निर्भर
एबसोल्यूट सीरियल SSI, BiSS-C, EnDat 2.2 सिंगल/मल्टी-टर्न एबसोल्यूट वैल्यू, डायग्नोस्टिक्स/टेम्प/अलार्म रजिस्टर
फ़ील्डबस EtherCAT, PROFINET, CANopen मल्टी-ऐक्सिस सिंक, डिस्ट्रिब्यूटेड क्लॉक्स, ऑनलाइन कॉन्फ़िगरेशन

सैद्धांतिक बैंडविड्थ (लीनियर): f_max ≈ (v / p) × edges
जहाँ v = लाइन-स्पीड, edges = प्रति-पीरियड प्रभावी एज़ (जैसे 4× क्वाड्रेचर)।


प्रमुख प्रदर्शन सूचकांक (Key Specifications)

सूचकांक सामान्य सीमा/टिप्पणी
रेज़ोल्यूशन लीनियर: 1 µm → 1 nm; रोटरी: ≤ 24-बिट समतुल्य
लीनियर एक्यूरसी हाई-एंड ऑप्टिक्स: ±1–±3 µm/m; स्टैंडर्ड: ±3–±10 µm/m
रिपीटेबिलिटी ≤ ±0.1–±0.3 µm (लीनियर); रोटरी में उप-आर्कसेकंड स्तर संभव
SDE (सब-डिविज़न एरर) अच्छी 1 Vpp चेन में ±20–±80 nm
जिटर दर्ज़नों नैनोमीटर; AFE एवं क्लॉक-फेज़-नॉइज़ पर निर्भर
फेज़/ड्यूटी एरर A/B फेज़ 90° ±(1–5)°; ड्यूटी 50% ±(2–10)%
स्पीड क्षमता लीनियर > 1 m/s, रोटरी 12 000+ RPM (इंटरफ़ेस पर निर्भर)
पर्यावरण ग्रेड IP40 (ओपन) से IP67 (सील्ड), IEC 60068-2 वाइब्रेशन/शॉक

इंस्टॉलेशन व त्रुटि-स्रोत (Installation & Error Sources)


कैलिब्रेशन व कम्पेन्सेशन (Calibration & Compensation)


अन्य तकनीकों से तुलना (Comparisons)

तकनीक रेज़ोल्यूशन/एक्यूरसी प्रदूषण/पर्यावरण सहनशीलता सामान्य रेंज प्रमुख कमी
ऑप्टिकल एन्कोडर ★★★★★ ★★★ मध्यम/लंबा प्रदूषण/कंडेंस के प्रति संवेदनशील, इंस्टॉलेशन-टॉलरेंस कड़े
मैग्नेटिक एन्कोडर ★★☆ ★★★★ लंबा लीनियरिटी व SDE कमजोर
इंडक्टिव/कैपेसिटिव ★★★ ★★★★ मध्यम धातु-निकटता/एडी-करंट या नमी के प्रति संवेदनशील
रिज़ॉल्वर/पोटेंशियोमीटर ★★ ★★★★★/★ मध्यम/छोटा निम्न रेज़ोल्यूशन या कम सहज इंटरफ़ेस

अनुप्रयोग (Applications)

CNC (लीनियर व रोटरी ऐक्सिस), CMM और मेट्रोलॉजी प्लेटफ़ॉर्म, सेमीकंडक्टर एलाइनमेंट/एक्सपोज़र/इंस्पेक्शन, प्रिसिशन मोशन-स्टेज, रोबोट जॉइंट्स व गियरबॉक्स बैकलैश मॉनिटरिंग, मेडिकल इमेजिंग/रेडियोथेरपी उपकरण, प्रिंटिंग-पैकेजिंग सिंक-कंट्रोल, इलेक्ट्रॉनिक SMT प्लेसमेंट/इंस्पेक्शन व हाई-स्पीड मैटेरियल-हैंडलिंग।


मेंटेनेंस व ट्रबलशूटिंग (Maintenance & Troubleshooting)


चयन-दिशानिर्देश (Selection Guide)

  1. लक्षित एक्यूरसी/रिपीटेबिलिटी (µm/m या आर्क-सेकंड) और डायनैमिक स्पीड
  2. इम्प्लीमेंटेशन प्रिंसिपल (ट्रांसमिशन/रिफ्लेक्शन, इमेजिंग/इंटरफेरेंस) व ग्रेटिंग-पिच p
  3. आउटपुट इंटरफ़ेस (A/B/Z, 1 Vpp, SSI/BiSS/EnDat, फ़ील्डबस) व कंट्रोलर बैंडविड्थ
  4. एनक्लोज़र व एन्वायरनमेंट (ओपन/सील्ड, IP-रेटिंग, कूलेंट/डस्ट)
  5. मैकेनिकल व थर्मल डिज़ाइन (एयर-गैप/अलाइनमेंट टॉलरेंस, CTE, फ्लोटिंग-माउंटिंग)
  6. कम्पेन्सेशन व डायग्नोस्टिक्स (एरर-मैप, टेम्प/स्टेटस रजिस्टर, ऑनलाइन अलार्म)
  7. लाइफ़-साइकल (केबल/रीडहेड सर्विसएबिलिटी, स्पेयर-पार्ट उपलब्धता, कैलिब्रेशन क्षमता)

मानक व संदर्भ (Standards & References)


सार: ऑप्टिकल एन्कोडरों के सिद्धांत, विनिर्देश, इंटरफ़ेस और इंस्टॉलेशन/कम्पेन्सेशन पहलुओं की व्यापक समझ जटिल कार्य-परिस्थितियों में भी उच्च-सटीकता, उच्च-रोबस्टनेस और उत्कृष्ट डायग्नॉस्टिक-क्षमता के साथ दीर्घकालिक स्थिर संचालन सुनिश्चित करती है।