रोटरी एन्कोडर
रोटरी एन्कोडर यांत्रिक घूर्णी गति को डिजिटल या ऐनालॉग सिग्नलों में परिवर्तित करने वाले सेंसर हैं और इन्हें औद्योगिक स्वचालन, रोबोटिक्स, CNC मशीनों, चिकित्सीय उपकरणों व परिवहन तंत्रों में व्यापक रूप से प्रयुक्त किया जाता है। कोणीय विस्थापन, गति तथा दिशा का पता लगाकर ये नियंत्रण प्रणालियों को सटीक फीडबैक प्रदान करते हैं। यह लेख रोटरी एन्कोडरों की परिभाषा, कार्य सिद्धांत, वर्गीकरण, तकनीकी पैरामीटर, तुलनात्मक विश्लेषण, अनुप्रयोग परिदृश्य, मानक विनियम तथा चयन सुझावों को विस्तार से समझाता है।
रोटरी एन्कोडर क्या है
रोटरी एन्कोडर एक मोटर फीडबैक डिवाइस या स्थिति सेंसर है, जो शाफ्ट के कोणीय विस्थापन, गति और घूर्णन दिशा को मापने हेतु प्रयुक्त होता है। इसका मुख्य कार्य घूर्णन गति को विद्युत संकेतों में बदलना है, जिन्हें नियंत्रक डिकोड कर वर्तमान स्थिति व गति की स्थिति निर्धारित करता है। रोटरी एन्कोडर दो प्रमुख श्रेणियों में विभाजित हैं—इंक्रीमेंटल एन्कोडर, जो पल्स सिग्नल आउटपुट करते हैं, और ऐब्सोल्यूट एन्कोडर, जो अद्वितीय स्थिति सूचना प्रदान करते हैं।
कार्य सिद्धांत
ऑप्टिकल डिटेक्शन
- प्रकाश स्रोत पारदर्शी‑अपारदर्शी खंडों वाले ग्रेटिंग डिस्क को प्रकाशित करता है।
- डिस्क घूर्णन पर फोटोडिटेक्टर पल्स सिग्नल उत्पन्न करता है।
मैग्नेटिक डिटेक्शन
- मैग्नेटोरेज़िस्टिव, हॉल‑इफेक्ट या GMR सेंसर चुंबकीय ध्रुव परिवर्तन का पता लगाते हैं।
इंडक्टिव/कैपेसिटिव डिटेक्शन
- इंडक्टेंस या कैपेसिटेंस में बदलाव से कोणीय विस्थापन ज्ञात किया जाता है; प्रदूषित व कंपन वाले परिवेश हेतु उपयुक्त।
आउटपुट सिग्नल लॉजिक
- इंक्रीमेंटल एन्कोडर A एवं B क्वाड्रैचर फेज़ तथा Z फेज़ (ज़ीरो रिफरेंस पल्स) आउटपुट करते हैं।
- ऐब्सोल्यूट एन्कोडर बहु‑बिट बाइनरी या ग्रे कोड आउटपुट करते हैं।
प्रकार
✓ सिग्नल के आधार पर
- इंक्रीमेंटल
- ऐब्सोल्यूट (सिंगल‑टर्न/मल्टी‑टर्न)
✓ यांत्रिक संरचना के आधार पर
- ठोस शाफ्ट
- खोखला शाफ्ट
- ब्लाइंड होलो शाफ्ट
✓ डिटेक्शन तकनीक के आधार पर
- ऑप्टिकल एन्कोडर
- मैग्नेटिक एन्कोडर
- इंडक्टिव एन्कोडर
- कैपेसिटिव एन्कोडर
✓ उद्योग प्रोटोकॉल एवं आउटपुट
- TTL/HTL/RS422
- Sin/Cos
- SSI, BiSS‑C, EnDat
- Profibus, Profinet, EtherCAT, CANopen
तकनीकी विनिर्देश
पैरामीटर | सीमा / विवरण |
---|---|
रिज़ॉल्यूशन | 1 से 4,194,304 PPR या 8 से 24 बिट |
अधिकतम गति | 3000 से 12 000 RPM, विशेष मॉडल 20 000 RPM तक |
संरक्षण ग्रेड | IP50 से IP68 |
कार्य तापमान | –40 °C से +105 °C |
विद्युत मानदंड | 5 V, 10‑30 V, आउटपुट करंट < 100 mA |
कंपन/झटका सहनशीलता | IEC 60068‑2: 10‑20 g (कंपन), 50‑200 g (झटका) |
आउटपुट सिग्नल प्रकार | TTL, HTL, RS422, SSI, BiSS‑C, Profinet, EtherCAT |
लाभ व सीमाएँ
लाभ
- उच्च रिज़ॉल्यूशन व दोहरावनीयता।
- गतिशील नियंत्रण हेतु तेज प्रतिसाद।
- अनेक इंटरफ़ेस व प्रोटोकॉल विकल्प।
- जटिल औद्योगिक परिवेश में उत्कृष्ट EMI प्रतिरोध।
सीमाएँ
- ऑप्टिकल प्रकार प्रदूषण के प्रति संवेदनशील।
- उच्च‑रिज़ॉल्यूशन मॉडल महंगे हो सकते हैं।
- अत्यधिक तापमान/कंपन में कुछ तकनीक का प्रदर्शन घट सकता है।
अन्य कोणीय सेंसरों से तुलना
प्रकार | शुद्धता | लागत | इंटरफ़ेरेंस प्रतिरोध | अनुप्रयोग लचीलापन |
---|---|---|---|---|
पोटेंशियोमीटर | कम | कम | कमजोर | साधारण प्रणालियाँ |
रिज़ॉल्वर | मध्यम | मध्यम | उच्च | उच्च कंपन व तापमान वाले वातावरण |
रोटरी एन्कोडर | उच्च (24 बिट तक) | मध्यम/उच्च | उच्च | विविध औद्योगिक प्रणालियाँ |
अनुप्रयोग क्षेत्र
- औद्योगिक स्वचालन: मोटर फीडबैक, रोबोटिक आर्म।
- CNC मशीन: स्पिंडल व फीड एक्सिस फीडबैक।
- रोबोटिक्स: जॉइंट नियंत्रण व पथ फीडबैक।
- चिकित्सीय उपकरण: MRI, CT स्कैनर रोटेशन डिटेक्शन।
- लिफ्ट व परिवहन: केबिन पोजिशनिंग व दरवाज़ा नियंत्रण।
- पवन व सौर ऊर्जा: ब्लेड कोण व ट्रैकिंग सिस्टम।
उद्योग मानक
- IEC 61800‑5‑2:2016 – ड्राइव प्रणालियों की कार्यात्मक सुरक्षा।
- ISO 13849‑1:2015 – मशीनरी नियंत्रण प्रणालियों की सुरक्षा।
- IEC 60529:2020 – IP कोड।
- IEC 60068‑2 – कंपन एवं झटका परीक्षण।
- ISO 9001:2015 – गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली।
सामान्य समस्याएँ व समाधान
समस्या | संभावित कारण | समाधान |
---|---|---|
सिग्नल नहीं मिल रहा | पावर कनेक्शन त्रुटि, वायरिंग खराब, सेंसर क्षति | पावर व वायरिंग जाँचें, क्षतिग्रस्त भाग बदलें |
सिग्नल डगमगाना / खोना | इंटरफ़ेरेंस, केबल पुराना, यांत्रिक ढीलापन | ग्राउंडिंग जाँचें, केबल बदलें, फिक्चर कसें |
आउटपुट त्रुटि या उतार‑चढ़ाव | ऑप्टिकल गंदगी, चुंबकीय व्यवधान, इलेक्ट्रॉनिक ऐजिंग | ऑप्टिकल सफाई करें, व्यवधान स्रोत हटाएँ, भाग बदलें |
देरी या स्टेप लॉस | प्रोटोकॉल मिसकन्फ़िगरेशन या असंगति | प्रोटोकॉल सत्यापित करें, वायरिंग जाँचें, सेटिंग अपडेट करें |
चयन मार्गदर्शिका
- अनुप्रयोग आवश्यकताएँ: स्थिति, गति, दिशा आदि।
- एन्कोडर प्रकार: इंक्रीमेंटल या ऐब्सोल्यूट (सिंगल/मल्टी‑टर्न)।
- डिटेक्शन तकनीक: ऑप्टिकल, मैग्नेटिक, इंडक्टिव, कैपेसिटिव।
- रिज़ॉल्यूशन व सिग्नल: सिस्टम परिशुद्धता व इंटरफ़ेस से मेल।
- पर्यावरण उपयुक्तता: IP ग्रेड व कंपन/झटका सहनशीलता।
- यांत्रिक इंटरफ़ेस: शाफ्ट डायामीटर, माउंटिंग, लोड।
- संचार संगतता: PLC या मोशन कंट्रोलर से अनुकूलता।
- मानक अनुपालन: IEC, ISO, UL आदि प्रमाणित उत्पाद चुनें।
संदर्भ
- IEC 61800‑5‑2:2016
- ISO 13849‑1:2015
- IEC 60529:2020
- IEC 60068‑2 Series
- ISO 9001:2015
रोटरी एन्कोडरों की संरचना, कार्य सिद्धांत, प्रदर्शन पैरामीटर व अनुप्रयोगों की गहन समझ से अभियंता और सिस्टम इंटीग्रेटर सटीक चयन व एकीकरण कर सकते हैं, जिससे नियंत्रण प्रदर्शन व प्रणाली की विश्वसनीयता अनुकूलित होती है।